स्लीपर बसों पर बड़ी कार्रवाई: NHRC ने राज्यों को दिए कड़े निर्देश, सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वाली बसें होंगी तुरंत बंद
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बढ़ते हादसों और यात्री सुरक्षा के मद्देनज़र राज्यों को आदेश दिया है कि नियम तोड़ने वाली सभी स्लीपर बसों को तुरंत सड़क से हटाया जाए।
01 दिसंबर 2025, नई दिल्ली
देशभर में स्लीपर बसों को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वे सभी स्लीपर कोच बसें, जो सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करतीं, अब सड़कों पर नहीं चल सकेंगी। हाल के महीनों में स्लीपर बसों से जुड़े लगातार हादसों और बड़ी संख्या में यात्रियों की मौत को देखते हुए आयोग ने यह सख्त कदम उठाया है।
NHRC के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को स्पष्ट निर्देश भेजे हैं कि सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाली हर स्लीपर बस की पहचान कर उसे तुरंत संचलन से हटाया जाए। आयोग का कहना है कि खराब रखरखाव, ओवरलोडिंग, तेज रफ्तार और सुरक्षा उपकरणों की कमी के चलते हो रहे हादसे सीधे तौर पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21, यानी नागरिकों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन हैं।
क्यों उठाया गया यह कदम?
भारत में स्लीपर बसें लंबी दूरी की रात्रिकालीन यात्रा के लिए बड़ी संख्या में उपयोग की जाती हैं, लेकिन अक्सर इनमें सुरक्षा मानकों की अनदेखी देखने को मिलती है। सीट बेल्ट की अनुपलब्धता, CCTV न होना, चालकों की कमजोर ट्रेनिंग और ओवरलोडिंग जैसी वजहें हादसों की मुख्य कारण बताई गई हैं। साल 2025 में ही स्लीपर बस दुर्घटनाओं में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
केंद्र सरकार ने साल 2024 में AIS-118 सुरक्षा मानक लागू किए थे, लेकिन कई राज्यों में इनका पालन नहीं हो रहा। NHRC ने अब राज्य मानवाधिकार आयोगों को भी सख्त निगरानी और तत्काल कार्रवाई का जिम्मा सौंपा है।
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हाल के बड़े हादसे जिन्होंने बढ़ाई चिंता
5 नवंबर 2025, हैदराबाद (तेलंगाना)
चेवेल्ला इलाके में एक स्लीपर बस खाई में गिरने से 19 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस हादसे को सिस्टम फेलियर बताया और NHAI, RTC, पुलिस समेत कई विभागों से जवाबदेही तय करने को कहा। साथ ही स्लीपर बस रूट्स पर सेफ्टी ऑडिट के आदेश दिए।
28 अक्टूबर 2025, मनोहरपुर (जयपुर, राजस्थान)
एक स्लीपर बस में आग लगने से 8 लोगों की मौत हो गई। जांच में पता चला कि बस में सुरक्षा मानकों की भारी अनदेखी की गई थी। आयोग ने परिवहन आयुक्त, पुलिस कमिश्नर और DTO समेत कई अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी और कंडम बसों की तत्काल जब्ती और भारी चालान के निर्देश दिए। साथ ही CNG किट, फायर सेफ्टी और रूट परमिशन की कठोर जांच के आदेश भी जारी किए।
NHRC का यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे कड़े मानकों का पालन कराते हुए सड़क पर केवल सुरक्षित और मानकों के अनुरूप बसों को ही चलने दें।
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