300 मिनट की लंबी वार्ता बेनतीजा, Putin का यूरोप को सख्त अल्टीमेटम—‘अगर युद्ध चाहा, तो शांति की शक्ल भी नहीं बचेगी’
अमेरिका के दूतों संग 5 घंटे चली शांति वार्ता बिना नतीजे खत्म; भारत दौरे से पहले Putin का यूरोप को करारा संदेश—युद्ध छेड़ा तो नतीजा बेहद भयावह होगा।
03 दिसंबर 2025, नई दिल्ली
रूस के राष्ट्रपति Vladimir Putin और अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के बीच करीब 300 मिनट चली मैराथन बातचीत भी किसी निर्णायक समझौते तक नहीं पहुंच सकी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद और सलाहकार जारेड कुश्नर भी इस महत्वपूर्ण मुलाकात में मौजूद थे। उम्मीद की जा रही थी कि यह वार्ता यूक्रेन युद्धविराम के लिए बड़ा कदम साबित होगी, लेकिन कई मतभेदों के चलते चर्चा अधर में लटक गई।
क्यों फंसी बातचीत?
Vladimir Putin के वरिष्ठ सलाहकार यूरी उशाकोव ने बताया कि वार्ता रचनात्मक रही, लेकिन किसी साझा प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन सकी। अमेरिका के कुछ सुझावों को रूस मानने को तैयार है, पर कई बिंदु ऐसे हैं जिन पर रूस बिल्कुल झुकने को तैयार नहीं। उशाकोव के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच रायतो बनी, पर परिणाम नहीं।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि 5 घंटे की गहन चर्चा के बावजूद न तो युद्धविराम का रास्ता साफ हुआ, न ही पुतिन-ट्रंप की संभावित अगली मुलाकात पर सहमति बन पाई।
Vladimir Putin की यूरोप को धमकियां—‘युद्ध किया तो खत्म हो जाओगे’
भारत रवाना होने से ठीक पहले पुतिन ने यूरोपीय देशों पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि पूर्वी यूक्रेन के शहर पोकरोव्स्क पर रूस का कब्जा उनकी सैन्य रणनीति के शुरुआती लक्ष्यों को मजबूती देता है। इसके साथ ही उन्होंने यूरोप को चेतावनी देते हुए कहा—
“हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर यूरोप युद्ध शुरू करता है तो उसकी हार इतनी पूरी होगी कि शांति समझौते के लिए भी कोई नहीं बचेगा।”
पुतिन ने आरोप लगाया कि यूरोपीय देश ही शांति वार्ता में बाधा डाल रहे हैं और संघर्ष को लंबा खींच रहे हैं।
यूक्रेन पर हमले और तेज करने की तैयारी
रूसी राष्ट्रपति ने दावा किया कि यूक्रेन रूस की ‘शैडो फ्लीट’ यानी पुराने तेल जहाजों को निशाना बना रहा है। इसके जवाब में रूस यूक्रेन के बंदरगाहों और जहाज़ों पर हमले और तेज करेगा। Vladimir Putin ने यूक्रेन के नेतृत्व पर तंज कसते हुए कहा कि कीव सरकार “जमीनी हकीकत से कटी हुई है और आंतरिक विवादों में उलझी है।”
ट्रंप के दूतों की कोशिश भी न काम आई
अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ और कुश्नर की यह मॉस्को यात्रा यूक्रेन संघर्ष को खत्म करने की दिशा में एक और प्रयास थी, पर उम्मीदों के बावजूद वार्ता किसी समझौते की ओर नहीं बढ़ सकी। बातचीत खत्म होते ही विटकॉफ अमेरिकी दूतावास लौट गए, लेकिन किसी आधिकारिक बयान से परहेज किया गया।
कुल मिलाकर, यह बड़ी बैठक नतीजों से ज्यादा तनाव बढ़ाकर समाप्त हुई है—और Vladimir Putin की चेतावनियों ने यूरोप तथा यूक्रेन दोनों की चिंताएं और बढ़ा दी हैं।
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