तमिलनाडु रैली हादसे पर डॉ. के. ए. पॉल का शोक, विजय और सरकार से जवाबदेही की माँग

तमिलनाडु रैली हादसे पर डॉ. के. ए. पॉल का शोक, विजय और सरकार से जवाबदेही की माँग

वैश्विक शांति दूत ने अपनी 2200 सफल रैलियों का उदाहरण देते हुए कहा – “भीड़ का सही प्रबंधन ही सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।”

नई दिल्ली: तमिलनाडु के करूर में अभिनेता विजय की राजनीतिक रैली में हुई भीड़भाड़ से 40 लोगों की दर्दनाक मौत पर वैश्विक शांति दूत और राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ. के. ए. पॉल ने गहरा दुख व्यक्त किया है।

अमेरिका से लौटे डॉ. पॉल ने इस घटना को “अविश्वसनीय और अत्यंत दुखद” बताते हुए शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने इस त्रासदी के लिए कई पक्षों को जिम्मेदार ठहराया।

डॉ. पॉल ने सबसे पहले अभिनेता विजय को आड़े हाथों लिया, जो दोपहर 12 बजे पहुँचने वाले थे लेकिन शाम 7 बजे पहुँचे। उनके अनुसार, इस देरी ने ही अव्यवस्था और अफरा-तफरी को जन्म दिया। उन्होंने आयोजकों को भी कटघरे में खड़ा किया, जिन्होंने केवल 10,000 लोगों के लिए अनुमति ली थी जबकि रैली में एक लाख से अधिक लोग पहुँच गए।

उन्होंने पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठाए कि इतनी बड़ी भीड़ के लिए बिना पर्याप्त योजना और सुरक्षा उपायों के अनुमति क्यों दी गई। साथ ही, उन्होंने स्टालिन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया कि उसने उचित भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की।

डॉ. पॉल ने कुछ लोगों की लापरवाही पर भी चिंता जताई और सवाल उठाया कि परिवार अपने छोटे बच्चों को ऐसी असुरक्षित परिस्थितियों में क्यों लेकर आए।

अपनी तुलना पेश करते हुए डॉ. पॉल ने कहा कि उन्होंने दुनिया भर में पिछले 40 वर्षों में 2200 से अधिक शांति रैलियाँ की हैं, जिनमें लाखों यहाँ तक कि करोड़ों लोग शामिल हुए, लेकिन एक भी जान नहीं गई और न ही कोई गंभीर हादसा हुआ।

उन्होंने कहा, “मैं पीड़ित परिवारों के लिए प्रार्थना करता हूँ और अपनी गहरी संवेदनाएँ प्रकट करता हूँ। ऐसे हादसे हमारे लोकतंत्र में दोबारा नहीं होने चाहिए।”

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