International Literacy Day 2025: क्यों मनाया जाता है 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस? जानें इतिहास, महत्व और भारत की स्थिति

International Literacy Day 2025: केवल अक्षरज्ञान नहीं, जीवन जीने का तरीका

Suditi Raje | Published: September 8, 2025 17:24 IST, Updated: September 8, 2025 17:24 IST
International Literacy Day 2025: क्यों मनाया जाता है 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस? जानें इतिहास, महत्व और भारत की स्थिति

नई दिल्ली, 8 सितंबर 2025

“ज्ञान ही शक्ति है” और शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति की सबसे मजबूत नींव है। इसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए हर साल 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि साक्षरता केवल पढ़ने-लिखने तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन जीने का सही तरीका सिखाती है।

International Literacy Day की शुरुआत कैसे हुई?

International Literacy Day का विचार सबसे पहले 1965 में आया, जब ईरान की राजधानी तेहरान में निरक्षरता उन्मूलन पर शिक्षा मंत्रियों का एक वैश्विक सम्मेलन हुआ। इसके बाद यूनेस्को (UNESCO) ने 1966 में अपनी आम सभा के दौरान 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस घोषित किया। दुनिया ने इसे पहली बार 1967 में मनाया और तभी से यह शिक्षा और साक्षरता के महत्व को रेखांकित करने वाला एक वैश्विक आयोजन बन गया।

International Literacy Day का असली अर्थ

Literacy का मतलब सिर्फ अक्षरज्ञान नहीं है। यह समाज में समान अवसर पाने, रोजगार हासिल करने, गरीबी कम करने और महिला सशक्तिकरण की कुंजी है। आज के डिजिटल दौर में साक्षरता का दायरा और भी बढ़ गया है, जिसमें डिजिटल साक्षरता भी शामिल है।

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International Literacy Day 2025 की थीम

इस साल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम है –
“डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा देना”।
पिछले वर्ष 2024 में इसका विषय था – “बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना: आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता।”

भारत में साक्षरता की स्थिति

भारत सरकार शिक्षा को सभी तक पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है। सर्व शिक्षा अभियान, नवभारत साक्षरता कार्यक्रम, डिजिटल इंडिया और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं ने देश में साक्षरता दर बढ़ाने में अहम योगदान दिया है।

2025 तक के आंकड़ों के अनुसार –

  • भारत की औसत साक्षरता दर 80% से अधिक हो चुकी है।
  • पुरुषों की साक्षरता दर करीब 84% और महिलाओं की 76% दर्ज की गई है।
  • केरल अब भी सबसे ज्यादा साक्षर राज्य है, जबकि मिजोरम, गोवा और त्रिपुरा पूर्ण साक्षर राज्यों में गिने जाते हैं।
  • दूसरी ओर, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में अभी भी साक्षरता दर अपेक्षाकृत कम है। क्यों जरूरी है यह दिन?

International Literacy Day हमें याद दिलाता है कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है। यह समाज को जागरूक, सक्षम और समान अवसरों वाला बनाने की कुंजी है। हर बच्चा, हर महिला और हर व्यक्ति शिक्षा का अधिकार रखता है। इसी सोच को मजबूत करने के लिए यह दिन हर साल मनाया जाता है।

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