फोन और लैपटॉप को लंबे समय तक बिना Restart चलाने से सिस्टम स्लो, रैम फुल और सिक्योरिटी रिस्क बढ़ जाते हैं। जानिए Restart के असली फायदे और सही तरीका।
04 दिसंबर 2025, नई दिल्ली
आज की डिजिटल लाइफ में हम अपने स्मार्टफोन और लैपटॉप को घंटों नहीं, बल्कि कई–कई दिनों तक बिना बंद किए इस्तेमाल करते रहते हैं। लगातार ऑन रहने वाली डिवाइस पर प्रोसेसर का लोड बढ़ जाता है और सिस्टम पहले जैसी स्पीड से काम नहीं कर पाता। इसका असर सीधे परफॉर्मेंस पर दिखता है — फोन स्लो हो जाता है, ऐप्स अटकने लगते हैं और बैटरी भी तेजी से ड्रेन होती है।
क्यों ज़रूरी है डिवाइस का Restart?
जब स्मार्टफोन या लैपटॉप लंबे समय तक चलते रहते हैं, तो उनकी रैम में टेम्पररी फाइलें जमने लगती हैं। कई बैकग्राउंड ऐप्स और प्रोसेसेस बिना जरूरत चलते रहते हैं, जो सिस्टम की मेमोरी खा जाते हैं। Restart करने पर ये सभी टेम्पररी डेटा हट जाते हैं और रैम खाली हो जाती है। इस तरह डिवाइस को एक फ्रेश स्टार्ट मिलता है और वह पहले की तुलना में ज्यादा स्मूथ और फास्ट चलने लगता है।
Restart न करने के नुकसान
फोन और लैपटॉप में आने वाले सॉफ्टवेयर अपडेट और सिक्योरिटी पैच तब तक पूरी तरह लागू नहीं होते, जब तक डिवाइस Restart न की जाए। अगर आप लंबे समय तक Restart नहीं करते, तो—
- वायरस या मैलवेयर अटैक का खतरा बढ़ सकता है
- सिस्टम का सिक्योरिटी प्रोटेक्शन एक्टिव नहीं हो पाता
- डेटा लीक और साइबर रिस्क बढ़ जाते हैं
नियमित रीस्टार्ट से डिवाइस ज्यादा सुरक्षित रहती है और सिक्योरिटी पैच सही तरीके से काम करते हैं।
फोन को सही तरीके से कैसे Restart करें?
- पावर बटन को 2–3 सेकंड दबाकर रखें
- दिखाई देने वाले ‘Restart’ या ‘रीबूट’ ऑप्शन पर टैप करें
- अगर यह ऑप्शन न मिले तो फोन को ‘पावर ऑफ’ करें और कुछ सेकंड बाद दोबारा ऑन करें
- हफ्ते में कम से कम एक बार फोन Restart करना फायदेमंद है
लैपटॉप Restart करने का सही तरीका
- Windows लैपटॉप:
- Start Menu खोलें
- Power ऑप्शन पर क्लिक करें
- Restart चुनें
MacBook:
- स्क्रीन के ऊपर Apple Menu पर जाएं
- Restart पर क्लिक करें
ध्यान रखें, केवल स्क्रीन लॉक करना या लैपटॉप की लिड बंद कर देना Restart नहीं माना जाता।
कितनी बार करें Restart?
टेक एक्सपर्ट्स के अनुसार—
- फोन: सप्ताह में 1 बार
- लैपटॉप: हर 3–4 दिन में एक बार
नियमित Restart से डिवाइस की लाइफ बढ़ती है, बैटरी बैकअप बेहतर रहता है, ऐप्स ज्यादा स्मूथ चलते हैं और हैंग होने की समस्या काफी कम हो जाती है।
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