The Bengal Files Review: विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ने दिखाई इतिहास की दर्दनाक सच्चाई, झकझोर कर रख देगी कहानी
सिनेमा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अनुभव है ‘The Bengal Files’

05 सितंबर 2025, नई दिल्ली
विवेक अग्निहोत्री अपनी फिल्मों से हमेशा समाज और इतिहास के अनकहे पहलुओं को सामने लाते रहे हैं। द कश्मीर फाइल्स के बाद अब उन्होंने The Bengal Files के जरिए दर्शकों को 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे की त्रासदी से रूबरू कराया है। लगभग तीन घंटे बीस मिनट लंबी यह फिल्म आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और रिलीज के साथ ही चर्चा का विषय बन गई है।
कहानी
फिल्म की कहानी 16 अगस्त 1946 को पश्चिम बंगाल में हुए हिंदू नरसंहार और उसके बाद के हालातों पर आधारित है। निर्देशक ने इस घटना को इतिहास और वर्तमान समय की परतों के साथ जोड़ा है, जिससे दर्शक केवल अतीत की झलक ही नहीं बल्कि उसके आज तक पड़े असर को भी महसूस कर सकें। कहानी शिवा पंडित (दर्शन कुमार) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक कश्मीरी पंडित पुलिस अधिकारी हैं और बंगाल में किडनैप हुई लड़की भारती बनर्जी (सिमरत कौर रंधावा) को ढूंढने निकलते हैं। इस मिशन में कई ऐसे खुलासे होते हैं जो बंगाल के इतिहास के काले अध्याय को सामने लाते हैं। भारती और अमरजीत अरोड़ा (एकलव्य सूद) की प्रेम कहानी भी इसी पृष्ठभूमि में बुनी गई है, जो दंगों के बीच भावनाओं और दर्द को और गहरा करती है।
अभिनय
कलाकारों का अभिनय इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। सिमरत कौर ने युवा भारती के किरदार में अपनी सादगी और मासूमियत से दिल जीत लिया। एकलव्य सूद का अभिनय और उनके संवाद दंगों के दर्द को बखूबी सामने लाते हैं। दोनों की केमिस्ट्री फिल्म को संवेदनशीलता देती है।
दर्शन कुमार एक पुलिस अधिकारी के रूप में गंभीर और प्रभावी लगे। पल्लवी जोशी ने बड़ी भारती का किरदार गहराई से निभाया है। वहीं, मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी मौजूदगी से हर सीन को जीवंत कर दिया। अनुपम खेर (गांधी) और राजेश खेरा (जिन्ना) जैसे अनुभवी कलाकारों ने भी कहानी को मजबूती दी। नमाशी चक्रवर्ती खलनायक के रूप में प्रभाव छोड़ते हैं, जबकि शाश्वत चटर्जी और अन्य कलाकार अपने-अपने किरदारों में विश्वसनीय नजर आते हैं।
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निर्देशन और तकनीकी पहलू
विवेक अग्निहोत्री का निर्देशन इस बार भी दमदार है। उन्होंने बिना ज्यादा दिखावे के सच्चाई को बड़े पर्दे पर उतारा है। प्रोडक्शन डिजाइन और सिनेमैटोग्राफी तारीफ के काबिल हैं। एक्शन सीक्वेंसेस और लोकेशन्स रियलिस्टिक लगे। हालांकि, फिल्म की लंबाई और कुछ जगहों पर स्क्रीनप्ले की कमजोरी दर्शकों को थोड़ा खींच सकती है। ग्राफिक्स का इस्तेमाल कुछ दृश्यों में जरूरत से ज्यादा है, जिससे प्रभाव हल्का होता है।
संगीत और बैकग्राउंड स्कोर
फिल्म में गाने नहीं हैं, लेकिन बैकग्राउंड म्यूजिक कहानी का अहम हिस्सा बनता है। खासकर भावनात्मक और सस्पेंस भरे दृश्यों में संगीत ने गहराई जोड़ी है और दर्शकों को पूरी तरह से माहौल में डुबो दिया है।
क्यों देखें
The Bengal Files उन कहानियों को सामने लाती है जिन्हें इतिहास की किताबों में बहुत कम जगह मिली है। फिल्म के कई सीन इतने मार्मिक और सच्चे लगते हैं कि दर्शक उन्हें लंबे समय तक भूल नहीं पाएंगे। यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अनुभव है जो आपको सोचने पर मजबूर कर देता है।
अगर आप इतिहास और सामाजिक सच्चाई पर आधारित सिनेमा देखना पसंद करते हैं तो The Bengal Files मिस नहीं करनी चाहिए। यह फिल्म एक भूले-बिसरे अध्याय को सामने लाने के साथ दर्शकों को झकझोरती है और बताती है कि कुछ कहानियां कभी पुरानी नहीं होतीं।
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