Kamini Kaushal: चेतन आनंद की फिल्म से की शुरुआत, ‘लाल सिंह चड्ढा’ तक निभाया सफर—कैसा रहा ये लंबा करियर?

Kamini Kaushal: चेतन आनंद की फिल्म से की शुरुआत, ‘लाल सिंह चड्ढा’ तक निभाया सफर—कैसा रहा ये लंबा करियर?

95 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाली Kamini Kaushal ने आज़ादी से पहले फिल्मों में कदम रखा था, और आख़िरी दिनों तक हिंदी सिनेमा में सक्रिय रहीं।

14 नवंबर 2025, नई दिल्ली

हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री की वरिष्ठतम कलाकारों में शुमार Kamini Kaushal अब हमारे बीच नहीं रहीं। उन्होंने लगभग आठ दशकों तक सिनेमा को समर्पित किया और अपनी सादगी, मजबूत अभिनय और अनोखे किरदारों से दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी। 1946 में चेतन आनंद की फिल्म नीचा नगर से डेब्यू करने वाली कामिनी का फिल्मी सफर आखिरी बार 2022 में लाल सिंह चड्ढा तक जारी रहा।

लाहौर में जन्म, बचपन में थीं उमा कश्यप

Kamini Kaushal का जन्म 16 जनवरी 1927 को लाहौर में प्रोफेसर एसआर कश्यप के घर हुआ। घर में वे सबसे छोटी थीं और उनका वास्तविक नाम उमा कश्यप था। सिर्फ सात साल की थीं जब पिता का साया सिर से उठ गया। बचपन से ही प्रतिभा से भरी उमा ने 10 वर्ष की उम्र में अपना कठपुतली थिएटर बनाया और आकाशवाणी पर रेडियो नाटक भी किए।

चेतन आनंद ने उमा की मधुर आवाज सुनी और उन्हें पहली फिल्म नीचा नगर का ऑफर दिया। चूंकि आनंद की पत्नी का नाम भी उमा था, इसलिए उन्होंने फिल्म के लिए उमा का नाम बदलकर ‘कामिनी’ रख दिया।

20 साल की उम्र में मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान

1946 में रिलीज नीचा नगर भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म बनी जिसने कान फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन पाम जीता। रूपा के किरदार से Kamini Kaushal रातोंरात स्टार बन गईं। करियर के शुरुआती दौर में वे लगातार चर्चित फिल्मों में दिखीं—शहीद, नदिया के पार, आग, जिद्दी, शबनम, आरजू, बिराज बहू जैसी फिल्मों ने उन्हें बड़ी पहचान दिलाई।
बिराज बहू के लिए 1954 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।

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हर दौर के सितारों के साथ काम किया

कामिनी कौशल की खूबसूरती और शालीनता की खूब चर्चा रहती थी। करियर के दूसरे दौर में वे मनोज कुमार की ऑन-स्क्रीन मां के रूप में मशहूर हुईं। नई पीढ़ी ने उन्हें कबीर सिंह में शाहिद कपूर की दादी और चेन्नई एक्सप्रेस में शाहरुख खान की दादी के रूप में पहचाना। उन्होंने 75 से अधिक फिल्मों में काम किया।

दिलीप कुमार की पहली प्रेमिका—पर अधूरी रही कहानी

Kamini Kaushal का निजी जीवन भी सुर्खियों में रहा। वे दिलीप कुमार की पहली प्रेमिका कही जाती थीं। फिल्म शहीद (1948) की शूटिंग के दौरान दोनों करीब आए और शादी की तैयारी तक हो गई। लेकिन सच यह था कि Kamini Kaushal पहले से शादीशुदा थीं।

जीजा से हुई शादी—बहन के बच्चों की खातिर लिया फैसला

Kamini Kaushal ने अपनी बड़ी बहन के निधन के बाद अपने जीजा से शादी की, ताकि वे बहन के बच्चों की देखभाल कर सकें। इसी दौरान दिलीप कुमार से उनकी नजदीकियां बढ़ीं, लेकिन रिश्ते की सच्चाई जानकर उनके भाई ने कड़ा विरोध किया, जिसके बाद यह प्रेम कहानी अधूरी रह गई।

दिलीप कुमार ने वर्षों बाद नहीं पहचाना—टूट गया दिल

2013 में अभिनेता प्राण के चौथे पर Kamini Kaushal और दिलीप कुमार की मुलाकात हुई, लेकिन दिलीप साहब—जो तब 90 वर्ष के थे—उन्हें पहचान नहीं पाए। Kamini Kaushal ने बाद में कहा था कि उनका दिल टूट गया, क्योंकि उम्र के कारण दिलीप कुमार लोगों को पहचानने में कठिनाई महसूस करने लगे थे।

परिवार और अंतिम जीवन

शादी के बाद Kamini Kaushal के तीन बेटे—राहुल, विदुर और श्रवण—हुए। 90 की उम्र पार करने के बाद भी वे फिल्मों में एक्टिव रहीं और अपने काम के प्रति समर्पित रहीं।

उन्होंने सिनेमा की दुनिया को ऐसा सफर दिया जिसे याद रखना जरूरी है—सादगी से भरा, प्रतिभा से जगमगाता और एक लंबे संघर्ष से निर्मित। Kamini Kaushal का योगदान हिंदी सिनेमा के इतिहास में हमेशा स्वर्ण अक्षरों में दर्ज रहेगा।

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