जापान में तेजी से फैल रहा फ्लू वायरस, सरकार ने घोषित की ‘देशव्यापी महामारी’; क्या भारत में भी बढ़ सकता है खतरा?
13 अक्टूबर 2025 , नई दिल्ली
जापान इन दिनों एक गंभीर स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है। देश में फ्लू का प्रकोप इतनी तेजी से बढ़ा है कि सरकार को इसे ‘देशव्यापी फ्लू महामारी’ घोषित करना पड़ा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक वायरस के स्वरूप और व्यवहार में हुए बदलाव इस तीव्र संक्रमण के पीछे मुख्य कारण बताए जा रहे हैं।
फ्लू के बढ़ते मामलों से जापान में हड़कंप
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, देशभर के करीब 3,000 अस्पतालों में अब तक 4,000 से अधिक फ्लू मरीजों को भर्ती किया जा चुका है। स्थिति इतनी गंभीर है कि संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए 130 से अधिक स्कूल, किंडरगार्टन और चाइल्डकेयर सेंटर अस्थायी रूप से बंद करने पड़े हैं। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र ओकिनावा, टोक्यो और कागोशिमा बताए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल फ्लू का मौसम सामान्य से करीब पांच सप्ताह पहले शुरू हुआ है, जिसने स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव डाल दिया है।
क्या फिर लौट आया कोरोना?
लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या जापान में दोबारा कोरोना वायरस फैलने लगा है। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस बार संक्रमण कोरोना नहीं, बल्कि फ्लू वायरस के कारण है।
हर साल फ्लू के मामले सामने आते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार फैल रहा वायरस संभवतः म्यूटेटेड (Mutated) रूप में है, जिसके कारण संक्रमण अधिक तेज़ और खतरनाक हो गया है।
जापानी विशेषज्ञों की राय
होक्काइडो यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज़ की प्रोफेसर योको त्सुकामोटो का कहना है,
“इस साल फ्लू का मौसम बहुत जल्दी शुरू हो गया है, लेकिन बदलते वैश्विक पर्यावरण में यह एक सामान्य प्रवृत्ति बन सकती है। हमें इससे सतर्क रहने की जरूरत है।”
उनके अनुसार, न केवल जापान बल्कि अन्य एशियाई देशों में भी फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं। यह स्थिति बताती है कि क्षेत्रीय स्तर पर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को पहले से ही तैयारी रखनी होगी।
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क्या भारत को भी होना चाहिए सतर्क?
हालांकि फिलहाल भारत में घबराने की स्थिति नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि देश को अलर्ट मोड पर जरूर रहना चाहिए।
भारत में सर्दी के मौसम की शुरुआत के साथ ही फ्लू और वायरल संक्रमणों के मामले आमतौर पर बढ़ जाते हैं। इसलिए समय रहते सतर्क रहना और सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है।
भारत में भी दिखा फ्लू वायरस का म्यूटेशन प्रभाव
पिछले कुछ महीनों में भारत में भी H3N2 फ्लू वायरस का असर देखने को मिला था।
दिल्ली-एनसीआर में अगस्त-सितंबर के दौरान इस वायरस के संक्रमण ने बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित किया था। एक सर्वे के अनुसार, लगभग 70% घरों में एक या अधिक लोग फ्लू या वायरल बुखार के लक्षणों से पीड़ित पाए गए। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की तत्परता से हालात जल्द ही नियंत्रण में आ गए।
विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों की टीम का कहना है कि जापान की मौजूदा स्थिति इस बात की याद दिलाती है कि वायरस कभी थमता नहीं, वह बदलते माहौल के साथ खुद को नए रूप में ढालता रहता है।
भले ही यह पारंपरिक अर्थों में महामारी न हो, लेकिन लोगों को सतर्क रहना चाहिए।
फ्लू और अन्य श्वसन संक्रमणों से बचाव के लिए विशेषज्ञ कुछ बुनियादी सावधानियां सुझा रहे हैं:
- हाथों की स्वच्छता बनाए रखें
- भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें
- बीमार व्यक्ति से दूरी बनाए रखें
- हल्के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवाएं
जापान में फैली फ्लू महामारी ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सतर्कता कभी खत्म नहीं होती। भारत जैसे घनी आबादी वाले देशों में समय रहते एहतियात बरतना ही सबसे बड़ा बचाव है।
क्या भारत इस बार तैयार है — यह आने वाले दिनों में पता चलेगा, लेकिन विशेषज्ञों की राय साफ है:
“सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।”