क्यों PCOD में झड़ते हैं सिर के बाल और शरीर पर उग आते हैं अनचाहे बाल

क्यों PCOD में झड़ते हैं सिर के बाल और शरीर पर उग आते हैं अनचाहे बाल

लाइफस्टाइल में छोटे बदलाव से PCOD से जुड़ी बालों की परेशानी को किया जा सकता है कम

नई दिल्ली, 2 सितंबर 2025

आज की युवा महिलाओं में PCOD (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर) एक आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। इसके लक्षण सिर्फ अनियमित पीरियड्स या वजन बढ़ने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह बालों और त्वचा से जुड़ी परेशानियां भी बढ़ा देता है। अक्सर महिलाएं शिकायत करती हैं कि इस स्थिति में सिर के बाल तेजी से झड़ने लगते हैं, जबकि चेहरे, ठुड्डी, पेट और पीठ जैसे हिस्सों पर मोटे व काले बाल उग आते हैं।

हार्मोनल असंतुलन है मुख्य कारण


द्वारका, नई दिल्ली स्थित डर्माहील स्किन एंड क्लिनिक की कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. नवजोत अरोड़ा बताती हैं कि पीसीओडी पूरी तरह हार्मोनल असंतुलन से जुड़ा विकार है। इस दौरान शरीर में एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। इसकी वजह से –

  • सिर के बाल पतले होकर झड़ने लगते हैं, जिसे एंड्रोजेनिक एलोपेसिया कहा जाता है।
  • वहीं चेहरे, ठुड्डी और अन्य अंगों पर अनचाहे और मोटे बाल उग आते हैं। इस स्थिति को हिर्सुटिज़्म कहा जाता है।

इसके अलावा, PCOD में अक्सर इंसुलिन रेजिस्टेंस भी पाया जाता है, जो हार्मोनल गड़बड़ी को और बढ़ा देता है। यही कारण है कि बालों की समस्या ज्यादा गंभीर हो जाती है। तनाव, नींद की कमी और असंतुलित खानपान भी इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं।

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कैसे करें मैनेज?


डॉ. अरोड़ा के अनुसार, PCOD में बालों से जुड़ी समस्याओं को पूरी तरह खत्म करना आसान नहीं है, लेकिन सही उपाय अपनाकर इन्हें काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।

संतुलित आहार लें: जंक फूड और मीठा कम करें। हरी सब्जियां, फल और प्रोटीन युक्त आहार को प्राथमिकता दें।

नियमित व्यायाम करें: वजन संतुलित रखने और हार्मोन को नियंत्रित करने के लिए रोजाना एक्सरसाइज जरूरी है।

विशेषज्ञ की सलाह लें: जरूरत पड़ने पर डॉक्टर हार्मोन बैलेंस करने वाली दवाएं या टॉपिकल ट्रीटमेंट लिख सकते हैं।

कॉस्मेटिक समाधान: लेज़र हेयर रिडक्शन और मेडिकल ट्रीटमेंट हिर्सुटिज़्म को कम करने में कारगर हैं।

PCOD से जुड़ी बालों की समस्या हार्मोनल असंतुलन का नतीजा है। हालांकि यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन समय पर इलाज और जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करके इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

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