19 नवंबर को मनाया जाने वाला International Men’s Day पुरुषों के मानसिक–शारीरिक स्वास्थ्य, सकारात्मक रोल मॉडल और लैंगिक संतुलन पर जागरूकता बढ़ाने का वैश्विक प्रयास है।
19 नवंबर 2025, नई दिल्ली
हर साल 19 नवंबर को दुनिया भर में International Men’s Day मनाया जाता है। यह दिन समाज, परिवार और कार्यस्थलों में पुरुषों की भूमिका और उनके योगदान को सम्मान देने का अवसर है। साथ ही यह पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक चुनौतियों और उनके प्रति होने वाले पूर्वाग्रहों पर खुलकर बात करने की पहल को भी आगे बढ़ाता है।
कैसे शुरू हुई इस दिन की परंपरा?
International Men’s Day का विचार पहली बार 1991 में सामने आया था, लेकिन इसे औपचारिक रूप से 1999 में ट्रिनिडाड और टोबैगो में मनाया गया। 1992 में थॉमस ओस्टर ने इस अभियान को दिशा दी। दुनिया में इस दिन का सबसे पुराना उत्सव माल्टा में 1994 से आयोजित होता रहा, जिसे बाद में 2009 में बदलकर 19 नवंबर कर दिया गया।
आज यह दिन 80 से अधिक देशों में मनाया जाता है, भले ही इसे संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक मान्यता न मिली हो। फिर भी इसका प्रभाव और महत्व लगातार बढ़ रहा है।
International Men’s Day के 6 मुख्य स्तंभ
- सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल को बढ़ावा देना
- समाज में पुरुषों के योगदान को स्वीकारना
- पुरुषों के स्वास्थ्य और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना
- पुरुषों के साथ होने वाले भेदभाव को उजागर करना
- लैंगिक समानता को मजबूत बनाना
- सुरक्षित और बेहतर समाज बनाने के प्रयासों को बढ़ावा देना क्यों महत्वपूर्ण है यह दिन?
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अक्सर पुरुषों के मानसिक तनाव, भावनात्मक संघर्ष और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं अनदेखी रह जाती हैं। यह दिन उन जटिल मुद्दों को सामने लाने और पुरुषों के लिए सहायक वातावरण तैयार करने का अवसर देता है। यह उन्हें अपनी भावनाओं को साझा करने, सहायता मांगने और अपनी क्षमताओं को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
इस वर्ष की थीम – “Celebrating Men and Boys”
2025 में International Men’s Day की थीम है “Celebrating Men and Boys”, जिसका संदेश है—पुरुषों और लड़कों का जश्न मनाकर एक समावेशी और सहयोगी समाज का निर्माण।
दुनिया भर में इस अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम, चर्चाएं, ऑनलाइन कैंपेन और समुदाय-आधारित गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, जिनका लक्ष्य पुरुषों के स्वास्थ्य, अनुभव और वास्तविक चुनौतियों पर संवाद बढ़ाना है।
International Men’s Day हमें याद दिलाता है कि स्वस्थ समाज तभी बनता है जब पुरुषों और महिलाओं दोनों के भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक विकास पर बराबर ध्यान दिया जाए
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