आंध्र प्रदेश के पर्वतारोही ने चो ओयू शिखर फतह कर बढ़ाया भारत का गौरव, पर्वतारोहण में दर्ज की नई मिसाल
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर 2025:
भारतीय पर्वतारोहण के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। आंध्र प्रदेश के कर्नूल के रहने वाले 36 वर्षीय पर्वतारोही भरथ थम्मिनेनी ने दुनिया की 8,000 मीटर से ऊँची नौ पर्वत चोटियों को फतह कर एक असाधारण उपलब्धि हासिल की है। सोमवार सुबह चीन के समयानुसार 6:55 बजे उन्होंने चो ओयू (8,188 मीटर) — जो विश्व की छठी सबसे ऊँची पर्वत चोटी है — के शिखर पर पहुँचकर यह ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया।
भरथ थम्मिनेनी भारत की प्रमुख पर्वतारोहण संस्था Boots & Crampons के संस्थापक हैं। उन्होंने अब तक दुनिया की 14 “एट थाउज़ेंडर” चोटियों में से नौ पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की है। यह अभियान उन्होंने नेपाल की संस्था Climbalaya के सहयोग से एक स्व-समर्थित (self-supported) मिशन के रूप में पूरा किया। इस सफलता के साथ भरथ अब भारत के सबसे सफल उच्च-ऊँचाई पर्वतारोहियों में शामिल हो गए हैं।
अपनी उपलब्धि पर भावुक भरथ ने कहा,
“यह विजय केवल मेरी नहीं, बल्कि हर उस भारतीय पर्वतारोही की है जो दुनिया की सबसे ऊँची चोटियों को छूने का सपना देखता है। मैं यह उपलब्धि अपने परिवार, मित्रों, Boots & Crampons की टीम और भारत की उस अटूट जज़्बे को समर्पित करता हूँ जो हर बार मुझे नई ऊँचाइयों तक पहुँचने की प्रेरणा देता है।”
भरथ पिछले एक दशक से पर्वतारोहण के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने न केवल छह महाद्वीपों में अभियानों का नेतृत्व किया है, बल्कि भारतीय युवाओं को पर्वतारोहण की ओर प्रेरित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। Everest 2025 Expedition के दौरान उनके नेतृत्व में कई ऐतिहासिक क्षण दर्ज हुए — जिनमें अंग्मो का विश्व की पहली नेत्रहीन महिला के रूप में माउंट एवरेस्ट पर पहुँचना, और कार्तिकेय का सबसे कम उम्र के भारतीय के रूप में सेवन समिट्स चैलेंज पूरा करना शामिल है।
भरथ थम्मिनेनी की 8,000 मीटर से ऊँची नौ पर्वत चोटियों की उपलब्धियाँ
वर्ष
पर्वत चोटी
ऊँचाई (मीटर)
मई 2017
माउंट एवरेस्ट
8,848
सितंबर 2018
मानसलू
8,163
मई 2019
ल्होत्से
8,516
मार्च 2022
अन्नपूर्णा I
8,091
अप्रैल 2022
कंचनजंगा
8,586
मई 2023
मकालू
8,485
अक्टूबर 2024
शिशपांगमा
8,027
अप्रैल 2025
धौलागिरी
8,167
अक्टूबर 2025
चो ओयू
8,188
भारत के पर्वतारोहण में नया अध्याय
इन नौ “एट थाउज़ेंडर” चोटियों को फतह कर भरथ थम्मिनेनी ने न केवल अपने राज्य आंध्र प्रदेश, बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन किया है। उनकी यह सफलता भारत के पर्वतारोहियों के लिए एक नई प्रेरणा बन गई है और यह साबित करती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और समर्पण के साथ कोई भी शिखर असंभव नहीं।