डॉ. राजकुमार शर्मा और डॉ. श्रुति ने बीजेपी महासचिव श्री तरुण चुघ से की मुलाकात

डॉ. राजकुमार शर्मा और डॉ. श्रुति ने बीजेपी महासचिव श्री तरुण चुघ से की मुलाकात

‘विकसित भारत’ के विज़न को सशक्त करने हेतु अनुसंधान, नवाचार और शिक्षा-उद्योग सहयोग पर हुई चर्चा

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2025:
भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विज़न को साकार करने की दिशा में, पीपल फोरम ऑफ इंडिया – नेशनल भारत सेवक समाज के पंजाब अध्यक्ष डॉ. राजकुमार शर्मा और VA-RA वेंचर की प्रबंध निदेशक डॉ. श्रुति ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री तरुण चुघ से शिष्टाचार मुलाकात की।

इस मुलाकात का उद्देश्य प्रधानमंत्री मोदी जी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘विश्व गुरु भारत’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए अनुसंधान, कौशल विकास और शिक्षा-उद्योग साझेदारी को मजबूत करना था।

अनुसंधान और नवाचार पर केंद्रित रही चर्चा

बैठक के दौरान भारत के अनुसंधान ढांचे को सशक्त बनाने के लिए कई संभावित सहयोगात्मक पहलों पर विचार-विमर्श हुआ। डॉ. राजकुमार शर्मा ने बताया कि पीपल फोरम ऑफ इंडिया – नेशनल भारत सेवक समाज देशभर में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और सामुदायिक सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास प्रधानमंत्री मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत मिशन के अनुरूप हैं और भारत को विज्ञान, अनुसंधान और तकनीक में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक हैं।

शिक्षा-उद्योग साझेदारी और ग्रामीण नवाचार पर जोर

डॉ. श्रुति ने VA-RA वेंचर की ओर से किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत के विकास के लिए शिक्षा और उद्योग के बीच साझेदारी को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
उन्होंने स्टार्टअप्स, उभरती तकनीकों और अंतरविषयक अनुसंधान में निवेश को बढ़ावा देने की बात कही। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार को ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि विकसित भारत का विकास समावेशी हो सके।

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श्री तरुण चुघ ने सराहा प्रयास, दिया सहयोग का आश्वासन

श्री तरुण चुघ ने दोनों विद्वानों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री मोदी जी के सपने को साकार करने में ऐसे विचार और पहलें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
उन्होंने कहा कि “आत्मनिर्भरता और नवाचार ही भारत को एक सच्चा विश्व गुरु बनाएंगे।” उन्होंने सरकार, शैक्षणिक संस्थानों और निजी क्षेत्र के बीच बेहतर तालमेल बढ़ाने पर जोर दिया, जिससे अनुसंधान, कौशल विकास और उद्यमिता के अवसरों में विस्तार हो सके।

विकसित भारत के लिए नए अवसरों की दिशा

यह बैठक नीतिनिर्माताओं, अनुसंधान विशेषज्ञों और शैक्षणिक जगत के बीच बढ़ते सहयोग की भावना को दर्शाती है।
राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन और स्टार्टअप इंडिया जैसी सरकारी पहलों के साथ मिलकर यह सहयोग युवा शोधकर्ताओं, नवप्रवर्तकों और उद्यमियों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा।
इस प्रकार, भारत विकसित भारत 2047 और विश्व गुरु भारत के लक्ष्य की ओर और मजबूती से अग्रसर है।

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