Navratri के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से मिलती है तप और संयम की शक्ति
शारदीय Navratri 2025 का शुभारंभ 22 सितंबर से हो चुका है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना का विधान है। मां का यह स्वरूप तप, संयम और साधना का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि सच्चे मन से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने पर साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे आत्मबल तथा मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय रंग
Navratri के प्रत्येक दिन की पूजा में देवी को उनके प्रिय रंग चढ़ाने और धारण करने का विशेष महत्व होता है। मां ब्रह्मचारिणी को सफेद रंग अति प्रिय है। इस दिन सफेद परिधान पहनकर उनकी पूजा करने से देवी विशेष रूप से प्रसन्न होती हैं।
महिलाओं के लिए: सफेद साड़ी इस दिन का सर्वोत्तम विकल्प है। यदि साधारण साड़ी पसंद न हो तो सफेद बेस वाली हल्के प्रिंट की साड़ी भी पहनी जा सकती है। इसके अलावा सफेद सूट पहनकर भी महिलाएं मां की आराधना कर सकती हैं।
पुरुषों के लिए: पूजा के समय सफेद रंग का सूती कुर्ता-पायजामा धारण करना शुभ माना जाता है। यह न केवल सरल और आकर्षक लगता है, बल्कि पहनने में भी आरामदायक होता है।
युवाओं के लिए: इंडो-वेस्टर्न लुक अपनाना चाहें तो सफेद कुर्ते के साथ जैकेट पहन सकते हैं। इसके साथ कोल्हापुरी चप्पल पहनकर लुक को संपूर्ण बनाया जा सकता है।
मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय भोग
मां ब्रह्मचारिणी को शुद्ध सात्विक आहार अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। विशेषकर पंचामृत का भोग अर्पित करने से साधक को पुण्य और सफलता की प्राप्ति होती है।
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पंचामृत बनाने की सामग्री:
1 कटोरी गाय का दूध
आधी कटोरी दही
1 चम्मच शहद
1 चम्मच देसी घी
1 चम्मच चीनी
विधि:
सभी सामग्री को एक बड़े बर्तन में अच्छी तरह से स्वच्छ हाथों से मिला लें। सबसे पहले दूध लें, फिर उसमें दही, शहद और घी डालकर अच्छे से मिक्स करें। अंत में चीनी डालें और घुलने तक हिलाएं। इस प्रकार पंचामृत तैयार हो जाएगा।
सावधानियां:
- पंचामृत को लंबे समय तक बाहर न रखें, इससे स्वाद बिगड़ सकता है।
- यदि भोग चढ़ाने में विलंब हो तो इसे फ्रिज में रख सकते हैं।
- चाहें तो इसमें मखाना, किशमिश या चिरौंजी डाल सकते हैं, लेकिन अन्य सामग्री न मिलाएं।
- पूजा के समय पंचामृत में तुलसी का पत्ता डालकर मां ब्रह्मचारिणी को अर्पित करें।
इस प्रकार, सफेद वस्त्र धारण कर और पंचामृत का भोग लगाकर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी कार्य सफल होने लगते हैं।
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