क्या है Shah Bano केस? जिस पर बनी इमरान हाशमी और यामी गौतम की फिल्म ‘Haq’, सात साल की कानूनी लड़ाई के बाद मिला था इंसाफ

क्या है Shah Bano केस? जिस पर बनी इमरान हाशमी और यामी गौतम की फिल्म ‘Haq’, सात साल की कानूनी लड़ाई के बाद मिला था इंसाफ

Shah Bano केस भारतीय न्याय इतिहास का अहम अध्याय है, जिसने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों पर नई बहस छेड़ी थी। अब इसी पर आधारित है फिल्म ‘Haq’।

05 नवंबर 2025, नई दिल्ली

इमरान हाशमी और यामी गौतम की आगामी फिल्म ‘Haq’ 7 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। यह फिल्म देश के सबसे चर्चित और ऐतिहासिक ‘Shah Bano केस’ पर आधारित है। इस केस ने न सिर्फ समाज में महिलाओं के अधिकारों को लेकर नई सोच पैदा की थी, बल्कि देश के कानून और धर्म के बीच संतुलन की बहस को भी जन्म दिया था।

1978 में शुरू हुआ मामला

इस केस की शुरुआत साल 1978 में हुई थी, जब 62 वर्षीय Shah Bano ने अपने पति मोहम्मद अहमद खान से तलाक के बाद भरण-पोषण की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। अहमद खान उस वक्त इंदौर के जाने-माने वकील थे। उन्होंने 1932 में Shah Bano से निकाह किया था और दोनों के पांच बच्चे थे — तीन बेटे और दो बेटियां।

शादी के करीब 14 साल बाद अहमद खान ने दूसरी शादी कर ली, जो इस्लामिक पर्सनल लॉ के तहत वैध थी। दोनों पत्नियां एक ही घर में रहती रहीं, लेकिन 1978 में अहमद खान ने शाह बानो को तलाक देकर घर से निकाल दिया। उन्होंने केवल तीन महीने (इद्दत अवधि) तक खर्च देने का वादा किया।

Shah Bano की कानूनी लड़ाई

जब तीन महीने बाद अहमद खान ने पैसे भेजने बंद कर दिए, तो Shah Bano ने दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 125 के तहत याचिका दायर की। यह धारा किसी भी असहाय महिला को अपने पति से भरण-पोषण का अधिकार देती है। Shah Bano ने अपने और बच्चों के लिए आर्थिक सहायता की मांग की।

इसके जवाब में अहमद खान ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत वे इद्दत अवधि के बाद किसी आर्थिक जिम्मेदारी से मुक्त हैं। इस दलील को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी समर्थन दिया और कहा कि अदालतों को धार्मिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

लगभग सात साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद यह मामला 1985 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। पांच जजों की बेंच ने सुनवाई के बाद 73 वर्षीय Shah Bano के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि धारा 125 सभी भारतीय महिलाओं पर समान रूप से लागू होती है — चाहे वे किसी भी धर्म से हों। यदि कोई महिला खुद का भरण-पोषण नहीं कर सकती, तो वह अपने पति से गुजारे-भत्ते की हकदार है।

इस फैसले को देशभर में महिलाओं के अधिकारों की दिशा में एक मील का पत्थर माना गया। हालांकि, इस पर काफी धार्मिक और राजनीतिक विवाद भी हुए थे।

विवादों में घिरी फिल्म ‘हक’

‘Haq’ का निर्देशन सुपर्ण वर्मा ने किया है। फिल्म में इमरान हाशमी और यामी गौतम मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में आ गई है। शाह बानो के परिवार ने आरोप लगाया है कि फिल्म के निर्माताओं ने बिना अनुमति उनके परिवार की कहानी को दिखाया और कई तथ्यों में तथ्यात्मक छेड़छाड़ की है।

इसके बावजूद, फिल्म को लेकर दर्शकों में काफी उत्सुकता है, क्योंकि यह उस ऐतिहासिक मुकदमे की याद दिलाती है जिसने भारतीय समाज और कानून की सोच को हमेशा के लिए बदल दिया था।

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