नई दिल्ली में शुरू हुआ IANR का 17वां और SRS (इंडिया) का 7वां वार्षिक सम्मेलन; विशेषज्ञों ने आयुष्मान भारत में सेलुलर थेरपी को शामिल करने की सिफारिश की
भारत ने आज पुनर्जनन चिकित्सा और न्यूरोरेस्टोरेटोलॉजी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए अंतर्राष्ट्रीय न्यूरोरेस्टोरेटोलॉजी एसोसिएशन (IANR) के 17वें वार्षिक सम्मेलन और सोसाइटी ऑफ रीजेनरेटिव साइंसेज (SRS-India) के 7वें वार्षिक सम्मेलन का शुभारंभ किया।
यह आयोजन द अशोक होटल, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में शुरू हुआ, जिसमें भारत सहित दुनिया भर के 500 से अधिक डॉक्टर, वैज्ञानिक और रोगी प्रतिनिधि शामिल हुए। सम्मेलन का उद्देश्य पुनर्जनन चिकित्सा और न्यूरोरेस्टोरेटिव विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान और नीति ढांचों पर विचार-विमर्श करना है।
जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने किया उद्घाटन
सेल थेरपी को आयुष्मान भारत में शामिल करने की कही बात
मुख्य अतिथि श्री जुएल ओराम, माननीय जनजातीय कार्य मंत्री ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत पुनर्जनन चिकित्सा में वैश्विक अग्रणी बन रहा है।
उन्होंने कहा,
“मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करूंगा कि दिव्यांगजनों के लिए सेल थेरपी को आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया जाए। यह लाखों रोगियों के जीवन में बदलाव ला सकती है।”
श्री ओराम ने भारतीय वैज्ञानिकों के नवाचारों की सराहना करते हुए कहा कि पुनर्जनन चिकित्सा, स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को दिशा दे रही है।
श्री जे.पी. नड्डा का संदेश: भारत नवाचार का केंद्र बन रहा है
स्टेम सेल और पुनर्जनन चिकित्सा में अग्रणी भूमिका निभा रहे भारतीय डॉक्टर
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने अपने वीडियो संदेश में कहा,
“भारत पुनर्जनन चिकित्सा में विश्व का नेता बन रहा है। हमारे वैज्ञानिक स्टेम सेल और सेलुलर थेरपी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। इस तरह के सम्मेलन नीति-निर्माताओं, चिकित्सकों और युवा शोधकर्ताओं को जोड़ते हैं और रोगियों के लिए वास्तविक समाधान प्रस्तुत करते हैं।”
सेलुलर थेरपी और पुनर्जनन चिकित्सा पर केंद्रित सम्मेलन
2.68 करोड़ दिव्यांग नागरिकों के लिए नई आशा
सम्मेलन का प्रमुख फोकस सेलुलर थेरपी आधारित पुनर्जनन चिकित्सा पर है, जो क्षतिग्रस्त ऊतकों को पुनर्स्थापित कर न्यूरोलॉजिकल और ऑर्थोपेडिक विकारों में सुधार लाती है।
विशेषज्ञों ने बताया कि भारत में 2.68 करोड़ से अधिक दिव्यांग नागरिकों को इन अत्याधुनिक उपचारों से लाभ मिल सकता है।
भारत आज न्यूरोलॉजिकल स्थितियों पर विश्व में सर्वाधिक वैज्ञानिक प्रकाशन करने वाले देशों में अग्रणी है।
डॉ. अलोक शर्मा: “हर रोगी तक पहुंचे जीवन-परिवर्तनकारी चिकित्सा”
आयुष्मान भारत में शामिल करने की अपील
सोसाइटी ऑफ रीजेनरेटिव साइंसेज (इंडिया) के प्रतिनिधि डॉ. अलोक शर्मा ने कहा,
“पुनर्जनन चिकित्सा में हमारा प्रयास उन रोगियों के लिए इलाज उपलब्ध कराना है जिनके पास कोई विकल्प नहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षेत्र को हमेशा प्रोत्साहन दिया है। अब हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सेलुलर थेरपी आयुष्मान भारत के तहत शामिल हो ताकि सभी को सुलभ उपचार मिल सके।”
IANR संस्थापक अध्यक्ष डॉ. होंग्युन हुआंग ने की भारत की सराहना
“पुनर्जनन चिकित्सा में भारत चीन से भी आगे”
IANR के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. होंग्युन हुआंग ने कहा,
“हम भारतीय सरकार और शोधकर्ताओं के समर्पण की सराहना करते हैं। न्यूरल रिसर्च का उद्देश्य केवल कार्यक्षमता बहाल करना नहीं बल्कि रोगियों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। भारत ने इस क्षेत्र में चीन से भी आगे प्रगति की है।”
वैश्विक सहभागिता और नीति संवाद
अमेरिका, चीन, पोलैंड, दक्षिण कोरिया, अर्जेंटीना और हांगकांग से विशेषज्ञ शामिल
पहले दिन के सत्रों में क्लिनिकल न्यूरोरेस्टोरेशन के रुझान, स्टेम सेल हस्तक्षेपों और भारत में नीति ढांचे पर चर्चा हुई।
सम्मेलन में डॉ. अलोक शर्मा को IANR के वर्ष 2025 के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया।
प्रतिनिधियों ने भारत सरकार से अपील की कि न्यूरोलॉजिकल, ऑर्थोपेडिक और असाध्य स्थितियों के लिए सेलुलर थेरपी को आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) में सम्मिलित किया जाए।
कल होगा सम्मेलन का समापन
क्लिनिकल अनुवाद, नीति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर होंगी चर्चाएं
सम्मेलन का दूसरा दिन (18 अक्टूबर) क्लिनिकल अनुप्रयोगों, नीति ढांचों, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर केंद्रित रहेगा।
थीमेटिक सत्रों, पैनल चर्चाओं और प्रस्तुतियों के माध्यम से पुनर्जनन चिकित्सा के भविष्य और भारत की नेतृत्वकारी भूमिका पर विस्तृत विचार-विमर्श होगा।

